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लेखनी कहानी -21-Sep-2022 अंतिम प्रणाम तुम्हे, हे राजू महान

मुक्तक  : 


सबके अधरों को देकर एक मुस्कान 
मिमिक्री कर कॉमेडी में डाली जान 
आज चला गया वो कर दुनिया वीरान 
अंतिम प्रणाम है तुम्हें, हे राजू महान 

श्री हरि 
21.9.22 


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7 Comments

Gunjan Kamal

23-Sep-2022 09:57 AM

बहुत खूब

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Raziya bano

22-Sep-2022 07:15 PM

Nice

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Swati chourasia

22-Sep-2022 04:53 PM

🙏🙏

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